सोमवार, 22 जून 2009

साहित्यकार पत्रकार

मेरा एक दोस्त
साहित्यकार पत्रकार
तन के लिए पत्रकारिता
मन की भूख मिटाने के लिए
अपनी कल्पना को
कागज पर उतारता है
और मै पत्रकार
सिर्फ़ पत्रकार
ऐसा मानता हूँ
दूसरों का पता नहीं
वो कहानियां लिखता है
पुरस्कार पाता है
लिखता मै भी हूँ
कभी स्क्रिप्ट
कभी स्टोरी
बदले में पुरस्कार तो नहीं मिलता
लेकिन कुछ पैसा मिला जाता हैं
तन के लिए
उसे गुलज़ार से ले कर यादव तक
जानते हैं
मै खुद को खोज रहा हूँ
जानने के लिए
पहचानने के लिए
मन की भूख मिटाने के लिए

शशि शेखर
shekhar2k89@yahoo.com

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