गुरुवार, 9 जुलाई 2009

।। एक ज़ल्दबाज़ बुरी कविता में आंकड़े।।

कविता का एक वाक्य लिखने में दो मिनट लगते है
इतनी देर में चालीस हज़ार बच्चे मर चुके होते हैं
ज़्यादातर तीसरी दुनिया के भूख और रोग से

दस वाक्यों की ख़राब ज़ल्दबाज़ कविता में अमूमन लग जाते हैं
बीस से पच्चीस मिनट
इतनी देर में चार से पांच लाख बच्चे समा जाते हैं
मौत के मुंह में
कविता अच्छी हो इतनी कि कवि और आलोचक
उसे कविता कहना पसंद न करें या उसके कई ड्राफ्ट तैयार हों
तो तब तक कई करोड़ बच्चे, कई हज़ार या लाख औरतें और नागरिक
मर चुके होते हैं निरपराध इस विश्वतंत्र में

यानी ज़्यादा मुकम्मल कविता के नीचे
एक ज़्यादा बड़ा शमशान होता है

जितना बड़ा शमशान
उतना ही कवि और राष्ट्र महान्

उदय प्रकाश

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