रविवार, 2 मई 2010
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी बावड़ी बाव बावड़ी
सभी कलेक्टर सभी कामिसनर, सभी मिनिस्टर मेरे हैं
दवाखाना पुलिस खाना कोर्ट बारिस्टर मेरे हैं
काहे को फिर धक्के खाऊ, धक्के नाही होना रे
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
यह योजना वोह स्कीमा, तन्दानो पे तन्दाने
घपलो की कवाल्ली यारों, घपलो की ही है ताने
अरे ऐसी ताने तन्दानो में, हमको नहीं खोना रे
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
बावड़ी बावड़ी बाव बावड़ी
अरे, जान से प्यारा हिंद हमारा, डेमोक्रेसी है आबाद
फिर भी लड़ना क्यूँ पड़ता है, क्यूँ करनी पड़ती फ़रियाद
साबुन लेके हाथ में निकले, सिस्टम को है धोना रे
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
बावड़ी बावड़ी बाव बावड़ी
अटक के ले ले, भटक के ले ले
ले झटक के ले ले, अपना हक
सारी दुनिया हाथ में होगी, क्यूँ लाता है मनन में शक
बारिश की नींद बरस जा
फसले तुझको बोना रे
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
नको नको हीरा मोती, नहीं बोना सोना रे
हम तो अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
धूम तारा धूम तारा धूम तारा धूम तारा रे
अरे हम तोह अपनी बावड़ी लेंगे
बावड़ी हमको होना रे
बावड़ी बावड़ी बाव बावड़ी
फिल्म "वेल डन अब्बा" का ये गीत आम आदमी की आवाज़ को बुलंद करता है और आम आदमी की ताकत को दिखता है.
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बहुत प्यारा गीत है
जवाब देंहटाएंफिल्म तो मैं नही देख पाया लेकिन भारत में बढ़ते भ्रस्टाचार पर एक गंभीर सोच की झलक जरुर दिखाई गयी है
shandar geet hai. padhwane ke liye dhanyawad DJ.
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